छत्तीसगढ़नारायणपुर

17-Year-Old Tribal Girl’s Bravery in Chhattisgarh: पिता की जान बचाने के लिए सुशीला ने आठ बंदूकधारियों से मुकाबला किया, हमलावरों ने कुल्हाड़ी से किया था हमला

17-Year-Old Tribal Girl's Bravery in Chhattisgarh: नारायणपुर जिले में सुशीला ने कुल्हाड़ी और बंदूकों से लैस हमलावरों का मुकाबला कर पिता की जान बचाई; घटना के विवरण और स्थानीय प्रतिक्रियाएं

17-Year-Old Tribal Girl’s Bravery in Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ में 17 वर्षीय आदिवासी लड़की की बहादुरी

घटना का विवरण:

छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित नारायणपुर जिले में 17 वर्षीय आदिवासी लड़की, सुशीला ने अपने पिता की जान बचाने के लिए अद्वितीय साहस दिखाया।

घटना का वर्णन

  • स्थान: झारागांव इलाका
  • समय: सोमवार की रात
  • घटना: कुल्हाड़ी और बंदूकों से लैस आठ हमलावर आदिवासी सोमदेर कोर्राम के घर में घुस आए।
  • हमले का परिणाम: सोमदेर पर कुल्हाड़ी से हमला किया गया, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया।

सुशीला की बहादुरी

  • साहसिक कार्य: सुशीला ने हमलावरों के सामने बिना डर के शोर मचाया और कुल्हाड़ी चलाने वाले हमलावर पर झपट पड़ी।
  • हथियार छीनना: उसने हमलावर से हथियार छीन लिया और अपने पिता की रक्षा की।
  • पड़ोसी और पुलिस: शोर सुनकर पड़ोसी मौके पर पहुंचे, जिसके बाद हमलावर मौके से भाग गए। सोमदेर को अस्पताल में भर्ती कराया गया है और उसकी हालत स्थिर है।

विवाद और प्रतिक्रिया

  • पुलिस की राय: पुलिस का कहना है कि यह घटना जमीन विवाद से जुड़ी हो सकती है।
  • स्थानीय ग्रामीणों की राय: स्थानीय लोग इसे नक्सली हमला मान रहे हैं।
  • सुशीला का बयान: उसने बताया कि शाम को कुछ लोग घर आए थे और पिता के बारे में पूछताछ की थी। रात में जब वे दोबारा लौटे, तो नकाब पहने हुए थे और उनके पास कुल्हाड़ी और बंदूकें थीं।

सुशीला की बहादुरी की सराहना

सुशीला की बहादुरी ने न केवल अपने पिता की जान बचाई बल्कि पूरे क्षेत्र में एक अद्वितीय उदाहरण पेश किया है। नारायणपुर की इस बहादुरी बेटी के साहसिक कार्य की चारों ओर प्रशंसा हो रही है।

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